“ऑटो बिका, जमापूंजी खत्म“, बेटों को खोने वालों का दर्द: 15 दिन
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया क्षेत्र में पिछले 15 दिनों में किडनी फेलियर से तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई है। इन मौतों से क्षेत्र में मातम का माहौल है। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से जांच कराने का फैसला किया है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम भी सक्रिय हो गई है और प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही है। इन मौतों ने स्थानीय लोगों में चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है।
तीन परिवारों पर टूटा दुःख का पहाड़
परासिया में तीन परिवारों ने अपने मासूम बच्चों को खोया है:
- 4 वर्षीय उसेद खान की 13 सितंबर को मौत हो गई
- 5 वर्षीय अदनान खान ने 7 सितंबर को दम तोड़ा
- 4 वर्षीय हितांश सोनी की शुक्रवार को मृत्यु हो गई
इन सभी बच्चों को पहले बुखार और जुकाम हुआ, फिर किडनी में इन्फेक्शन हो गया। निजी अस्पतालों में इलाज के बावजूद बच्चों की हालत बिगड़ती गई और नागपुर रेफर करने के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका।
परिवारों की आर्थिक तंगी
बच्चों के इलाज में परिवारों ने अपनी सारी जमा-पूंजी खर्च कर दी। उसेद के पिता यासीन खान ने अपना ऑटो तक बेच दिया। अदनान के इलाज में परिवार ने 4 लाख रुपए खर्च किए, जबकि हितांश के उपचार में 8 लाख रुपए लग गए। इन मौतों ने परिवारों को आर्थिक और भावनात्मक रूप से तोड़ कर रख दिया है।
प्रशासन की कार्रवाई और जांच
इस गंभीर मामले में प्रशासन सक्रिय हो गया है:
- ICMR की टीम ने जांच शुरू कर दी है
- स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही है
- 5 साल तक के बच्चों का सर्वे किया जा रहा है
- कलेक्टर ने स्थिति की समीक्षा की और कार्रवाई का आश्वासन दिया
छिंदवाड़ा के कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने कहा कि ICMR की टीम बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर निजी अस्पताल जिम्मेदार पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
स्रोत: लिंक