Skip to content

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में कितनी हैं अति पिछड़ी जातियां?

  • Sushant 
  • Bihar
1 min read

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में कितनी हैं अति पिछड़ी जातियां?

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इस बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ध्यान बिहार की अति पिछड़ी जातियों पर केंद्रित है। बिहार में लगभग 130 अति पिछड़ी जातियां हैं जो राज्य की कुल आबादी का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा हैं। राहुल गांधी इन जातियों को साधकर चुनावी समीकरण बदलना चाहते हैं। इस लेख में हम बिहार की अति पिछड़ी जातियों और राहुल गांधी की रणनीति पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

बिहार में अति पिछड़ी जातियों की स्थिति

बिहार में अति पिछड़ी जातियों की संख्या लगभग 130 है। ये जातियां राज्य की कुल आबादी का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा हैं। इनमें से कुछ प्रमुख जातियां हैं:

  • मल्लाह
  • नोनिया
  • धानुक
  • कहार
  • केवट

इन जातियों का सामाजिक और आर्थिक स्तर अन्य पिछड़ी जातियों की तुलना में काफी कमजोर है। सरकारी नौकरियों और शिक्षा में इनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है। राजनीतिक रूप से भी ये जातियां पिछड़ी हुई हैं।

राहुल गांधी की रणनीति

राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार के दौरे पर अति पिछड़ी जातियों पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने इन जातियों के लिए विशेष आरक्षण और सामाजिक न्याय की मांग की। राहुल गांधी की रणनीति है:

अति पिछड़ी जातियों को साधने के कारण

राहुल गांधी इन जातियों को साधकर कई फायदे हासिल करना चाहते हैं:

1. वोट बैंक में बड़ा इजाफा
2. बीजेपी और जेडीयू के वोट बैंक में सेंध
3. नीतीश कुमार के समीकरण को तोड़ना
4. कांग्रेस का जनाधार बढ़ाना

See also  BJP Leaders to Hold Rallies in Bihar Ahead of 2025 Elections

इस रणनीति से राहुल गांधी 2025 के चुनाव में कांग्रेस की स्थिति मजबूत करना चाहते हैं। अगर वे इन जातियों का समर्थन हासिल कर लेते हैं, तो बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

यह जानकारी आधिकारिक/विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है और पाठकों के लिए सरल भाषा में प्रस्तुत की गई है।

स्रोत: लिंक