Almora : अल्मोड़ा में रामलीला का दूसरा दिन, कलाकारों के अभिनय ने
अल्मोड़ा के भुवनेश्वर महादेव मंदिर में रामलीला का दूसरा दिन बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कर्नाटक खोला रामलीला समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में दशरथ-विश्वामित्र संवाद, ताड़का वध, और अहिल्या उद्धार जैसे प्रसिद्ध प्रसंगों का मंचन किया गया। स्थानीय कलाकारों ने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन न केवल स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना, बल्कि ऑनलाइन माध्यम से देश-विदेश के दर्शकों ने भी इसकी सराहना की। रामलीला के प्रमुख आकर्षण द्वितीय दिवस की लीला में कई रोचक प्रसंग देखने को मिले। इनमें से कुछ प्रमुख थे: दशरथ-विश्वामित्र संवाद ताड़का द्वारा नरसंहार और उसका वध राम-लक्ष्मण का मारीच-सुबाहु से युद्ध अहिल्या उद्धार गौरी पूजन इन सभी दृश्यों ने दर्शकों का ध्यान बांधे रखा।
रामलीला के प्रमुख आकर्षण
द्वितीय दिवस की लीला में कई रोचक प्रसंग देखने को मिले। इनमें से कुछ प्रमुख थे:
- दशरथ-विश्वामित्र संवाद
- ताड़का द्वारा नरसंहार और उसका वध
- राम-लक्ष्मण का मारीच-सुबाहु से युद्ध
- अहिल्या उद्धार
- गौरी पूजन
इन सभी दृश्यों ने दर्शकों का ध्यान बांधे रखा। विशेष रूप से, ताड़का वध और अहिल्या उद्धार के दृश्यों ने लोगों को बेहद प्रभावित किया।
कलाकारों का उत्कृष्ट प्रदर्शन
रामलीला में विभिन्न पात्रों की भूमिका निभाने वाले कलाकारों ने अपने शानदार अभिनय से सबका दिल जीत लिया। राम की भूमिका रश्मि काण्डपाल ने, लक्ष्मण की कोमल जोशी ने और सीता की वैष्णवी पवार ने निभाई। ताड़का के रूप में हिमांशी अधिकारी, पायल काण्डपाल और निशा काण्डपाल ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रामलीला का सामाजिक महत्व
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर अजय वर्मा ने रामलीला के सामाजिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम समाज, युवा और बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। वर्मा ने बताया कि इस तरह के आयोजन समाज में अच्छाई को बढ़ावा देने और बुराइयों को दूर करने का संदेश देते हैं। रामलीला समिति के संस्थापक और संयोजक बिट्टू कर्नाटक के प्रयासों की भी सभी ने सराहना की।
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