National : खुशी की लहर!, शादी टूटी तो पति की Girlfriend
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसके तहत पत्नियां अपने पति की प्रेमिका से हर्जाना मांग सकती हैं। यह निर्णय एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के एक मामले में आया है, जहां एक महिला ने अपने पति की गर्लफ्रेंड पर रिश्ता तोड़ने का आरोप लगाया था। हालांकि व्यभिचार अब अपराध नहीं है, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इससे जुड़े सिविल मामले अभी भी सुने जा सकते हैं। यह फैसला वैवाहिक संबंधों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करता है।
कोर्ट का निर्णय और उसका महत्व
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हालांकि व्यभिचार अब अपराध नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किसी तीसरे व्यक्ति को इसके परिणामों से छूट मिल जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि:
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता अपराध नहीं है, लेकिन इससे सिविल परिणाम हो सकते हैं
- एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से किसी को नुकसान होता है तो वो कोर्ट में हर्जाने की मांग कर सकता है
- व्यभिचार से जुड़े सिविल मामले अभी भी कोर्ट में सुने जा सकते हैं
मामले की पृष्ठभूमि
इस मामले में एक महिला ने अपने पति की गर्लफ्रेंड पर एक करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा था। उसका आरोप था कि गर्लफ्रेंड ने उनका वैवाहिक रिश्ता तोड़ा है। पति और गर्लफ्रेंड ने इस मुकदमे को खारिज करने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलों को नकार दिया।
फैसले का प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं
यह फैसला वैवाहिक संबंधों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच एक नया संतुलन स्थापित करता है। इसके निहितार्थ काफी दूरगामी हो सकते हैं:
पत्नियों को नया कानूनी हथियार मिला है जिससे वे अपने पति के एक्स्ट्रा मैरिटल संबंधों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती हैं। यह फैसला वैवाहिक विश्वासघात के मामलों में पीड़ित पक्ष को राहत देने का प्रयास करता है। हालांकि, इसके कार्यान्वयन और व्याख्या को लेकर भविष्य में कई चुनौतियां आ सकती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह फैसला भारतीय समाज में वैवाहिक संबंधों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की धारणाओं को किस तरह प्रभावित करता है।
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