भारत में बढ़ रहा है मोटापे का खतरा, युवा वर्ग सबसे ज्यादा
भारत में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। हाल के एक अध्ययन के अनुसार, देश में हर पांचवां व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है। विशेष रूप से युवा वर्ग इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित है। शहरी क्षेत्रों में यह समस्या और भी गंभीर है, जहां लगभग 30% लोग मोटापे से पीड़ित हैं। इस बढ़ते मोटापे के पीछे अस्वस्थ खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और तनावपूर्ण जीवनशैली प्रमुख कारण हैं। यह स्थिति भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
मोटापे के बढ़ते आंकड़े चिंताजनक
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा किए गए एक व्यापक सर्वेक्षण में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले एक दशक में भारत में मोटापे के मामलों में लगभग 40% की वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो अगले 10 वर्षों में भारत दुनिया का सबसे मोटा देश बन सकता है।
- 18-35 आयु वर्ग में मोटापे की दर सबसे अधिक (35%)
- शहरी क्षेत्रों में मोटापे की दर ग्रामीण क्षेत्रों से दोगुनी
- महिलाओं में मोटापे की दर पुरुषों से 5% अधिक
मोटापे के प्रमुख कारण
अस्वस्थ खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी मोटापे के प्रमुख कारण हैं। फास्ट फूड और जंक फूड का बढ़ता चलन, साथ ही बैठकर काम करने की प्रवृत्ति ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है। इसके अलावा, तनावपूर्ण जीवनशैली और नींद की कमी भी मोटापे को बढ़ावा दे रही है।
मोटापे से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम
मोटापा कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इनमें मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और कुछ प्रकार के कैंसर शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मोटापा दुनिया भर में मृत्यु का पांचवां सबसे बड़ा कारण है। भारत में, मोटापे से जुड़ी बीमारियों के कारण हर साल लगभग 5 लाख लोगों की मृत्यु होती है। इसके अलावा, मोटापा मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे आत्मसम्मान की कमी और अवसाद जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
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