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फिल्म रिव्यू – निशांची: प्यार, धोखा और जुड़वा ट्विस्ट, अनुराग कश्यप

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फिल्म रिव्यू – निशांची: प्यार, धोखा और जुड़वा ट्विस्ट, अनुराग कश्यप

अनुराग कश्यप की नई फिल्म ‘निशांची’ 80 के दशक की मसाला फिल्मों से प्रेरित एक रोमांचक ड्रामा है। लगभग 3 घंटे की यह फिल्म कानपुर के छोटे शहर में सेट है, जहां जुड़वा भाई बबलू और डबलू (दोनों किरदार ऐश्वर्य ठाकरे ने निभाए हैं) अपनी जिंदगी में आए संकट से जूझते हैं। फिल्म में प्यार, धोखा, बदला और न्याय के लिए संघर्ष की कहानी है। नए कलाकारों और अनुभवी अभिनेताओं के मिश्रण के साथ, यह फिल्म दर्शकों को एक नए तरह का मसाला मनोरंजन देने की कोशिश करती है।

कहानी और पात्र

फिल्म की कहानी जुड़वा भाइयों बबलू और डबलू के इर्द-गिर्द घूमती है। एक डकैती के दौरान बबलू पकड़ा जाता है और जेल चला जाता है, जहां उसे मुख्य खलनायक अम्बिका प्रसाद (कुमुद मिश्रा) प्रताड़ित करता है। इस बीच, डबलू और बबलू की गर्लफ्रेंड वेदिका पिंटो के बीच प्यार पनपता है, जो कहानी में एक बड़ा मोड़ लाता है।

  • ऐश्वर्य ठाकरे ने डबल रोल में शानदार डेब्यू किया है
  • मोनिका पवार ने मंजरी के किरदार में फिल्म को संभाला
  • कुमुद मिश्रा ने खलनायक के रूप में दमदार प्रदर्शन किया
  • वेदिका पिंटो और मोहम्मद जीशान अय्यूब ने भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई

तकनीकी पहलू और निर्देशन

अनुराग कश्यप ने छोटे शहर का लोकल फ्लेवर और माहौल बखूबी पेश किया है। कैमरावर्क और लोकेशन्स कहानी को यथार्थवादी बनाते हैं। हालांकि, फिल्म की लंबाई और धीमी एडिटिंग कुछ दर्शकों को उबाऊ लग सकती है। गानों पर मेहनत दिखाई देती है, लेकिन वे ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसा प्रभाव नहीं छोड़ते।

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फिल्म की ताकत और कमजोरियां

फिल्म की मुख्य ताकत इसके अभिनेताओं का प्रदर्शन है। ऐश्वर्य ठाकरे का डेब्यू शानदार है, और अनुभवी कलाकारों जैसे कुमुद मिश्रा और विनीत कुमार सिंह ने अपने किरदारों को जीवंत किया है। हालांकि, फिल्म की लंबाई और कुछ कमजोर सब-प्लॉट्स इसे पूरी तरह प्रभावशाली बनने से रोकते हैं। क्लाइमेक्स भी, फिल्म के पहले भाग होने के कारण, कुछ अधूरा लगता है। फिर भी, ‘निशांची’ एक महत्वाकांक्षी प्रयास है जो 80 के दशक की मसाला फिल्मों को आधुनिक

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