गोरखपुर में राप्ती-रोहिनी का जलस्तर बढ़ा: कई गांवों में बाढ़
गोरखपुर और आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण राप्ती और रोहिनी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। रोहिनी नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है, जबकि राप्ती नदी भी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। कई निचले इलाकों में पानी घुस चुका है, जिससे फसलें जलमग्न हो गई हैं और लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है और राहत कार्य शुरू कर दिया है।
नदियों का बढ़ता जलस्तर और प्रभावित क्षेत्र
रोहिनी नदी का जलस्तर 83.120 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। वहीं राप्ती नदी का जलस्तर 74.820 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से मात्र 0.16 मीटर नीचे है। इस कारण निम्नलिखित क्षेत्र प्रभावित हुए हैं:
- भटपुरवा, केवटान, कोइलीखास जैसे गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है
- खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं
- कच्चे रास्तों पर घुटने तक पानी भर गया है
- कई घरों के आंगन तक पानी पहुंच गया है
स्थानीय लोगों की स्थिति
बाढ़ की स्थिति से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। कई परिवार बांधों पर या पक्के मकानों की छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि अगर बारिश और तेज हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
प्रशासन की तैयारियां और चेतावनियां
जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। सभी बाढ़ राहत केंद्र सक्रिय कर दिए गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बसों, ट्रैक्टर-ट्रॉली और नावों की व्यवस्था की जा रही है। NDRF और SDRF की टीमों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर बारिश जारी रही तो राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
स्रोत: लिंक