बिलासपुर एयरपोर्ट में 9 महीने में नाइट लैंडिंग सुविधा: उपकरणों
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सुविधा 9 महीने में शुरू होने की संभावना है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की टीम डॉपलर वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज (DVOR) मशीन स्थापित करने के लिए पहुंच गई है। यह कदम हाईकोर्ट की सख्ती के बाद उठाया गया है। AAI अधिकारियों ने काम का निरीक्षण किया और इंस्टालेशन की तैयारी शुरू कर दी है। इस सुविधा से एयरपोर्ट का उन्नयन होगा और रात्रि उड़ानें संभव हो सकेंगी। DVOR मशीन की स्थापना प्रक्रिया AAI की टीम DVOR के सभी उपकरण लगाकर सिग्नल ऑप्टिमाइजेशन का कार्य करेगी। इसके बाद फ्लाइट इंस्पेक्शन यूनिट विशेष विमान से सिग्नल की केलिब्रेशन जांच करेगी। इंस्टालेशन कार्य का नेतृत्व सुरेंद्र रोहिल्ला (प्रोजेक्ट हेड) कर रहे हैं। उनके साथ आशीष
DVOR मशीन की स्थापना प्रक्रिया
AAI की टीम DVOR के सभी उपकरण लगाकर सिग्नल ऑप्टिमाइजेशन का कार्य करेगी। इसके बाद फ्लाइट इंस्पेक्शन यूनिट विशेष विमान से सिग्नल की केलिब्रेशन जांच करेगी। इंस्टालेशन कार्य का नेतृत्व सुरेंद्र रोहिल्ला (प्रोजेक्ट हेड) कर रहे हैं। उनके साथ आशीष चतुर्वेदी, आशीष सिंह और आशुतोष सिंह शामिल हैं।
- DVOR मशीन रनवे की शुरुआत से 950 मीटर दाहिनी ओर स्थापित की जाएगी
- इलेक्ट्रिकल और सिविल कार्य पूरा होने के बाद HPDME तकनीक भी स्थापित की जाएगी
- फ्लाइट इंस्पेक्शन यूनिट विशेष विमान से सिग्नल की टेस्टिंग करेगी
- एयरोस्पेस मैनेजमेंट यूनिट विशेष प्रोसीजर तैयार करेगी
नाइट लैंडिंग सुविधा का महत्व
वर्तमान में बिलासपुर एयरपोर्ट 3 वीएफआर (विजुअल फ्लाइट रूल) कैटेगरी में है, जहां पायलट केवल दृश्य नियमों के अनुसार उड़ान भरते हैं। राज्य सरकार एयरपोर्ट का उन्नयन 3C-IFR (इंस्ट्रूमेंट फ्लाइट रूल) कैटेगरी में कर रही है, जिसके लिए DVOR आवश्यक है। यह उन्नयन रात्रि उड़ानों को संभव बनाएगा और एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाएगा।
हाईकोर्ट की सख्ती का प्रभाव
एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार पर हाईकोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा था। प्रक्रियाओं में देरी के कारण काम नहीं हो रहा था, जिस पर चीफ जस्टिस ने राज्य और केंद्र सरकार पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। हाईकोर्ट की इस सख्ती के बाद AAI ने तेजी से कार्रवाई शुरू की है। यह कदम बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास और क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़
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