बीजेपी के जिलाध्यक्ष और विधायक के बीच बहस: संगठन तक रिपोर्ट तलब
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के बीच आंतरिक मतभेद सार्वजनिक रूप से सामने आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर आयोजित स्वच्छता अभियान और फल वितरण कार्यक्रम के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया और विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा के बीच मौखिक विवाद हुआ। यह घटना पार्टी के भीतर बढ़ते तनाव को दर्शाती है, जिसमें सांसद संध्या राय भी शामिल हुईं। इस विवाद ने स्थानीय स्तर पर पार्टी की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और प्रदेश नेतृत्व के हस्तक्षेप की संभावना बढ़ा दी है।
कार्यक्रम में उभरे मतभेद
प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस पर भिंड में दो प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए गए। पहला, गौरी सरोवर पर स्वच्छता अभियान, और दूसरा, जिला अस्पताल में फल वितरण। इन कार्यक्रमों के दौरान पार्टी नेताओं के बीच असहमति स्पष्ट रूप से दिखाई दी:
- स्वच्छता अभियान में आवश्यक सामग्री की कमी पर सांसद और विधायक ने नाराजगी व्यक्त की
- जिलाध्यक्ष और विधायक के बीच जिम्मेदारियों को लेकर मौखिक विवाद हुआ
- सांसद और विधायक ने अलग से फल वितरण किया, जबकि जिलाध्यक्ष ने कलेक्टर के साथ
विवाद के पीछे के कारण
यह विवाद एक दिन का नहीं है। स्थानीय स्तर पर लगातार बदलते राजनीतिक समीकरण इसकी जड़ में हैं। पिछले दिनों विधायक और कलेक्टर के बीच हुए टकराव में भी जिला संगठन ने तटस्थता बरती थी। यह घटना दर्शाती है कि जिले में भाजपा के भीतर सत्ता और संगठन के बीच तालमेल में कमी आ रही है।
विवाद का प्रभाव और आगे की राह
इस सार्वजनिक विवाद ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया है। कार्यकर्ताओं और आम जनता में चर्चा तेज हो गई है कि क्या वास्तव में जिले की भाजपा इकाई में आंतरिक मतभेद हैं। प्रदेश नेतृत्व के जल्द ही इस मामले की रिपोर्ट मांगने की संभावना है। यह घटना भाजपा के लिए एक चेतावनी है कि वह अपने आंतरिक मतभेदों को सुलझाए और एकजुटता के साथ जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस चुनौती से कैसे निपटती है।
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