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बिहार में सीट शेयरिंग में कांग्रेस को हो सकता है नुकसान, कई

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बिहार में सीट शेयरिंग में कांग्रेस को हो सकता है नुकसान, कई

बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर गहन विचार-विमर्श चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस इस बार लगभग 60-62 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जो पिछले चुनाव की तुलना में कम है। यह कदम छोटे सहयोगी दलों को समायोजित करने के लिए उठाया जा रहा है। पार्टी इस बार सीटों की संख्या से अधिक उनकी जीत की संभावना पर ध्यान दे रही है। गठबंधन में शामिल अन्य दलों के साथ वार्ता जारी है, और अंतिम फैसला अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक होने की उम्मीद है।

कांग्रेस की रणनीति और चुनौतियां

कांग्रेस नेतृत्व ने पिछले चुनाव में मिली कमजोर सीटों पर नाराजगी व्यक्त की थी। इस बार पार्टी का फोकस सीटों की गुणवत्ता पर है। एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, कांग्रेस को 90 से अधिक सीटों के लिए 3,000 से ज्यादा आवेदन मिले हैं। हालांकि, पार्टी के भीतर कुछ मुद्दों पर असहमति है:

  • मौजूदा विधायकों को टिकट देने या नए चेहरों को मौका देने पर बहस
  • जीतने योग्य सीटों का चयन और उनका पुनर्संयोजन
  • बागी उम्मीदवारों की संभावना और उसका प्रभाव
  • गठबंधन के अन्य दलों के साथ तालमेल

राहुल गांधी का प्रचार अभियान

बिहार कांग्रेस ने राहुल गांधी के दरभंगा रोड शो की सराहना की है। चुनाव से पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा राज्य में कई रैलियां और कार्यक्रम करने की योजना बना रहे हैं। यह कदम पार्टी के लिए जनसमर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण हो सकता है।

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महागठबंधन में उभरते तनाव

गठबंधन की राजनीति में नया मोड़ तब आया जब राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। इस घोषणा ने महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर चर्चा को और तेज कर दिया है। इस कदम से गठबंधन के अन्य सदस्यों, जैसे कांग्रेस, VIP, वाम दल, JMM और लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस गुट) के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। यह स्थिति आने वाले दिनों में गठबंधन की एकता और चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकती है।

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