Skip to content

नरकटियागंज से किन्नर नेता माया रानी लड़ेंगी चुनाव: बोलीं- मैदान

  • Harsh 
  • Bihar
1 min read

नरकटियागंज से किन्नर नेता माया रानी लड़ेंगी चुनाव: बोलीं- मैदान

बिहार के बेतिया जिले के नरकटियागंज में एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में, प्रसिद्ध किन्नर नेता माया रानी ने रविवार को आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की। यह कदम किन्नर समुदाय के राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। माया रानी ने समान अधिकार और सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई का आह्वान किया, जिससे स्थानीय राजनीति में नई चर्चा शुरू हो गई है। इस घोषणा से किन्नर समुदाय की राजनीतिक भागीदारी बढ़ने की उम्मीद जगी है। किन्नर समुदाय की राजनीतिक यात्रा का नया अध्याय माया रानी ने अपनी घोषणा में कहा कि किन्नर समाज को हमेशा दूसरे दर्जे का नागरिक माना गया है । उन्होंने जोर देकर कहा कि हर संकट में किन्नर समुदाय ने लोगों की मदद की

किन्नर समुदाय की राजनीतिक यात्रा का नया अध्याय

माया रानी ने अपनी घोषणा में कहा कि किन्नर समाज को हमेशा दूसरे दर्जे का नागरिक माना गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर संकट में किन्नर समुदाय ने लोगों की मदद की है, चाहे वह कोरोना महामारी हो या फिर बाढ़-सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाएं।

  • किन्नर समुदाय की सामाजिक भूमिका को उजागर किया गया
  • गरीब परिवारों की मदद में किन्नरों का योगदान
  • राजनीतिक प्रतिनिधित्व के महत्व पर जोर

राष्ट्रीय स्तर पर किन्नर समुदाय की रणनीति

माया रानी ने बताया कि अक्टूबर में देशभर के किन्नर नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस बैठक में चुनावी भागीदारी को मजबूत करने के लिए एक साझा रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल एक सीट जीतने की लड़ाई नहीं है, बल्कि समान अधिकार और सामाजिक सम्मान के लिए एक बड़ा संघर्ष है।

See also  Simulatala Residents Protest BMP-10 HQ Shift to Banka

स्थानीय समर्थन और प्रतिक्रियाएं

माया रानी की घोषणा के समय कई सामाजिक कार्यकर्ता और किन्नर समुदाय के प्रतिनिधि मौजूद थे। इनमें काजल रानी, पिंकी रानी, अरविंद कुमार, अमित कुमार, फिरोज आलम, गौतम कुमार, बृजेश कुमार और पप्पू कुमार शामिल थे। सभी ने जनता से अपील की कि वे इस सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई में अपना समर्थन दें। माया रानी की उम्मीदवारी से नरकटियागंज की राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है, जो किन्नर समुदाय के राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

स्रोत: लिंक