बिहार विधानसभा चुनाव में कोई दे रहा एटीएम कार्ड तो कोई चेक
बिहार विधानसभा चुनाव के करीब आते ही राजनीतिक दलों ने महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए नई रणनीतियां अपनाई हैं। पारंपरिक पर्चे-पोस्टरों की जगह अब दल ATM कार्ड और चेकबुक जैसे वित्तीय उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। नीतीश सरकार महिला रोजगार योजना के तहत 10,000 रुपये दे रही है, जबकि विपक्षी दल भी अपनी योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं। यह नया दृष्टिकोण महिला मतदाताओं के बढ़ते महत्व और उनकी आर्थिक सशक्तिकरण की मांग को दर्शाता है। सरकार और विपक्ष की प्रमुख योजनाएं बिहार में चुनावी माहौल गरमाने के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दल महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी-अपनी योजनाएं पेश कर रहे हैं: नीतीश सरकार की महिला रोजगार योजना – महिलाओं के खाते में 10,000
सरकार और विपक्ष की प्रमुख योजनाएं
बिहार में चुनावी माहौल गरमाने के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दल महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी-अपनी योजनाएं पेश कर रहे हैं:
- नीतीश सरकार की महिला रोजगार योजना – महिलाओं के खाते में 10,000 रुपये
- आरजेडी और कांग्रेस की “माई बहिन योजना” – गांव-गांव में फॉर्म भरवाए जा रहे हैं
- प्रशांत किशोर की पार्टी का परिवार लाभ कार्ड (PLC) – ATM कार्ड जैसा दिखने वाला कार्ड
- कांग्रेस का “जन सुराज” कूपन – चेकबुक की तरह दिखने वाला
नए तरीके से वोटर आकर्षण
इस बार के चुनाव में दलों ने अपने प्रचार के तरीके बदले हैं। पुराने जमाने के पंपलेट और पोस्टर की जगह अब ATM कार्ड और चेकबुक जैसे वित्तीय उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि दल महिला मतदाताओं की आर्थिक आकांक्षाओं को समझ रहे हैं और उन्हें साधने की कोशिश कर रहे हैं।
महिला मतदाताओं का बढ़ता महत्व
बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में महिला मतदाताओं का महत्व लगातार बढ़ रहा है। इसी कारण सभी दल उन्हें लुभाने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर देने वाली ये योजनाएं दर्शाती हैं कि राजनीतिक दल महिला मतदाताओं की प्राथमिकताओं को समझ रहे हैं। हालांकि, इन वादों का वास्तविक क्रियान्वयन और प्रभाव चुनाव के बाद ही स्पष्ट होगा।
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