बलरामपुर के आबकारी विभाग में हंगामा: नोटिस को लेकर विवाद; 2 आरक्षकों
बलरामपुर जिले के आबकारी विभाग में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बुधवार को दो मुख्य आरक्षकों ने अपने वरिष्ठ अधिकारी उपनिरीक्षक नीरज साहू को कंट्रोल रूम में बंद कर दिया। यह विवाद गैरहाजिरी के नोटिस को लेकर शुरू हुआ और हाथापाई तक पहुंच गया। पुलिस ने हस्तक्षेप कर अधिकारी को मुक्त कराया। इस घटना ने विभाग में अनुशासन और कार्य संस्कृति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विवाद का कारण और घटनाक्रम विवाद की जड़ में 5 जुलाई 2025 को दोनों आरक्षकों की ड्यूटी से गैरहाजिरी का नोटिस था। सुबह कार्यालय खुलते ही उपनिरीक्षक नीरज साहू और मुख्य आरक्षक गिरजा शंकर शुक्ला व धर्मजीत राम शर्मा के बीच बहस शुरू हुई। बहस इतनी बढ़ी कि दोनों आरक्षकों ने
विवाद का कारण और घटनाक्रम
विवाद की जड़ में 5 जुलाई 2025 को दोनों आरक्षकों की ड्यूटी से गैरहाजिरी का नोटिस था। सुबह कार्यालय खुलते ही उपनिरीक्षक नीरज साहू और मुख्य आरक्षक गिरजा शंकर शुक्ला व धर्मजीत राम शर्मा के बीच बहस शुरू हुई। बहस इतनी बढ़ी कि दोनों आरक्षकों ने उपनिरीक्षक से हाथापाई की और उन्हें कंट्रोल रूम में बंद कर दिया।
- उपनिरीक्षक ने किसी तरह बलरामपुर कोतवाली को सूचना दी
- पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उपनिरीक्षक को मुक्त कराया
- उपनिरीक्षक साहू ने घटना की शिकायत जिला आबकारी अधिकारी से की
जिला आबकारी अधिकारी का बयान
जिला आबकारी अधिकारी सत्यनारायण साहू ने इस घटना से अनभिज्ञता जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। यह बयान विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े करता है।
बलरामपुर में अवैध टू-व्हीलर शोरूम का मुद्दा
इसी बीच, बलरामपुर में एक अन्य मुद्दा सामने आया है। बिना वैध ट्रेड सर्टिफिकेट के चल रहे टू-व्हीलर शोरूम के खिलाफ कार्रवाई न होने पर मानव अधिकार संगठन JJF ने कलेक्टर को शिकायत सौंपी है। संगठन के जिला समन्वयक राजकिशोर राम ने बताया कि इस मामले में पहले भी शिकायतें की गई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
संगठन ने मांग की है कि बिना ट्रेड सर्टिफिकेट वाले शोरूम को तुरंत बंद किया जाए और जिला परिवहन अधिकारी के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए। यह मुद्दा मानव अधिकारों और शासन की गरिमा से जुड़ा हुआ बताया गया है।
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