पटना में JDU कार्यालय के सामने अभ्यर्थी कर रहे नारेबाजी: लाइब्रेरियन
बिहार में लाइब्रेरियन पदों पर बहाली की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को पटना में जदयू कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। पिछले 17 वर्षों से इन पदों पर कोई नियुक्ति नहीं हुई है, जिससे राज्यभर में लगभग 10,000 लाइब्रेरियन पद खाली हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने शिक्षा और रोजगार दोनों मामलों में लापरवाही दिखाई है। इस लंबे इंतजार में कई अभ्यर्थियों की आयुसीमा निकल चुकी है, जबकि कुछ ने मजबूरी में अन्य रोजगार अपना लिया है।
लाइब्रेरियन बहाली की लंबित मांग
बिहार में लाइब्रेरियन पदों पर पिछली बार 2008 में बहाली हुई थी। तब से लेकर अब तक, लगभग 17 वर्षों से इन पदों पर कोई नई नियुक्ति नहीं की गई है। इस लंबे अंतराल ने न केवल अभ्यर्थियों को परेशान किया है, बल्कि राज्य की शैक्षणिक संस्थाओं में भी समस्याएं पैदा की हैं।
- राज्यभर में लगभग 10,000 लाइब्रेरियन पद खाली हैं
- प्लस टू स्कूलों से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालयों तक पद रिक्त
- कई पुस्तकालयों की किताबें धूल फांक रही हैं
- तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी पुस्तक वितरण का कार्य देख रहे हैं
अभ्यर्थियों की मांगें और प्रदर्शन
हाल ही में, अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधे सवाल किया कि लाइब्रेरियन की वैकेंसी कब निकलेगी। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा की थी, लेकिन अभी तक आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जल्द ही लाइब्रेरियन पात्रता परीक्षा की तिथि जारी नहीं करती, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
सरकार की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजना
सरकार ने 2020 में नई नियमावली बनाई थी, जिसके तहत लाइब्रेरियन की नियुक्ति के लिए लाइब्रेरियन पात्रता परीक्षा आयोजित करने का प्रावधान किया गया। इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता लाइब्रेरी साइंस में स्नातक (बी.लिब) रखी गई है। हालांकि, चार साल बीत जाने के बावजूद न तो परीक्षा आयोजित हुई और न ही बहाली की प्रक्रिया आगे बढ़ पाई। अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से लिखित आवेदन देने को कहा और जल्द बहाली का आश्वासन दिया है।
स्रोत: लिंक