Bihar Chunav 2025 LIVE: सिर पर टोपी, गले में गमछा… दरगाह
भारत में कोविड-19 के मामलों में फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले कुछ दिनों में दैनिक मामलों की संख्या 100 से बढ़कर 600 के करीब पहुंच गई है। इस बढ़ोतरी का कारण नया वैरिएंट JN.1 माना जा रहा है, जो पहले से मौजूद BA.2.86 का सब-वैरिएंट है। केरल में इस वैरिएंट के कुछ मामले सामने आए हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट अधिक संक्रामक हो सकता है, लेकिन इसकी गंभीरता कम है।
नए वैरिएंट JN.1 की विशेषताएं
JN.1 वैरिएंट कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन स्ट्रेन का एक नया रूप है। यह BA.2.86 वैरिएंट से विकसित हुआ है, जिसे “पिरोला” के नाम से भी जाना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि JN.1 में कुछ ऐसे म्यूटेशन हैं जो इसे अधिक संक्रामक बना सकते हैं:
- यह वैरिएंट तेजी से फैल सकता है
- इसमें वैक्सीन और पूर्व संक्रमण से मिली प्रतिरक्षा को बायपास करने की क्षमता हो सकती है
- लक्षण पहले के वैरिएंट्स की तुलना में हल्के हो सकते हैं
- गंभीर बीमारी का खतरा कम है
भारत में JN.1 के मामले
केरल में JN.1 वैरिएंट के कुछ मामले सामने आए हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की है और सतर्कता बरतने की सलाह दी है। अन्य राज्यों में भी जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है ताकि इस वैरिएंट की मौजूदगी का पता लगाया जा सके।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने इस नए वैरिएंट को लेकर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है। कुछ प्रमुख कदम इस प्रकार हैं:
- अस्पतालों में तैयारियों की समीक्षा
- टेस्टिंग क्षमता बढ़ाना
- जीनोम सीक्वेंसिंग पर जोर
- मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज लेना महत्वपूर्ण है। साथ ही, कोविड के बुनियादी नियमों का पालन करना चाहिए ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
स्रोत: लिंक