शिमला के बैंक में 3.70 करोड़ का फ्रॉड: सीनियर मैनेजर पर फर्जीवाड़े
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बैंक ऑफ बड़ौदा की कसुम्पटी शाखा में 3.70 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। शाखा के सीनियर मैनेजर अंकित राठौर पर धोखाधड़ी का आरोप है। उन्होंने कृषि उपज विपणन समिति (APMC) के खाते से पैसे निकालकर एक महिला के खाते में ट्रांसफर किए और फिर अपने सहयोगियों को भेज दिए। बैंक के रीजनल हेड की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना बैंकिंग क्षेत्र में सुरक्षा और निगरानी की कमी को उजागर करती है।
घोटाले का खुलासा और कार्रवाई
बैंक ऑफ बड़ौदा के डिप्टी रीजनल मैनेजर राजेश कुमार गाबा की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की। बैंक की आंतरिक जांच में भी गड़बड़ी की पुष्टि हुई। इसके बाद निम्नलिखित कदम उठाए गए:
- संदिग्ध खातों को फ्रीज किया गया
- महिला के खाते में बचे 90.95 लाख रुपए जब्त किए गए
- छोटा शिमला थाने में मामला दर्ज किया गया
- सीनियर मैनेजर अंकित राठौर से पूछताछ की गई
आरोपी मैनेजर का बयान
पुलिस पूछताछ में अंकित राठौर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि कुछ अज्ञात लोगों के साथ मिलकर उसने यह धोखाधड़ी की। राठौर ने स्वीकार किया कि उसने निजी फायदे के लिए यह कदम उठाया।
जांच और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(5) के तहत केस दर्ज किया है। जांच के दौरान निम्न बिंदुओं पर ध्यान दिया जा रहा है:
- APMC के खाते से पैसे निकालने का तरीका
- धोखाधड़ी में शामिल अन्य लोगों की पहचान
- बैंक के आंतरिक नियंत्रण में कमियों की जांच
- गायब हुए पैसों की बरामदगी
यह घटना बैंकिंग सिस्टम में सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर करती है। इससे ग्राहकों के विश्वास पर असर पड़ सकता है। बैंकों को अपने कर्मचारियों की निगरानी और आंतरिक नियंत्रण मजबूत करने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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