धमतरी नगर निगम में कांग्रेसी पार्षदों का विरोध: राशन कार्ड और पार्षद
धमतरी नगर निगम में कांग्रेसी पार्षदों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस चेम्बर के बाहर धरना दिया। पार्षदों का आरोप है कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है और वार्डों में विकास कार्य रुके हुए हैं। राशन कार्ड वितरण में देरी, पार्षद निधि का भुगतान न होना और अन्य समस्याओं को लेकर पार्षद नाराज हैं। नगर निगम आयुक्त ने धरना समाप्त करने का आग्रह किया, लेकिन पार्षद अपनी मांगों पर अड़े रहे। यह विरोध प्रदर्शन स्थानीय प्रशासन और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है।
पार्षदों की प्रमुख शिकायतें और मांगें
कांग्रेसी पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि:
- वार्डों में विकास कार्य रुके हुए हैं
- पार्षद निधि का भुगतान नहीं किया जा रहा है
- तीन महीने से राशन कार्ड बनकर निगम में पड़े हैं
- अधिकारियों द्वारा राशन कार्डों पर हस्ताक्षर नहीं किए जा रहे हैं
- डीजल चोरी की जांच की मांग
नेता प्रतिपक्ष का बयान
नेता प्रतिपक्ष दीपक सोनकर ने कहा कि उनका उद्देश्य शासन की योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाना है। उन्होंने पार्षदों के साथ भेदभाव का भी आरोप लगाया। सोनकर ने बताया कि वार्ड के लोग राशन कार्ड के लिए निगम के चक्कर काट रहे हैं, जबकि अधिकारी एसी कमरों में बैठे हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई
धरने के दौरान निगम आयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंस छोड़कर पार्षदों के पास पहुंचीं। उन्होंने पार्षदों को आश्वासन देकर धरना समाप्त करने का आग्रह किया। हालांकि, पार्षद अपनी मांगों पर अड़े रहे। पार्षदों की प्रमुख मांगों में राशन कार्ड वितरण में तेजी, डीजल चोरी की जांच, रिक्शा संबंधी मुद्दों का समाधान और पार्षद निधि का समय पर भुगतान शामिल है। यह स्थिति स्थानीय प्रशासन और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच संवाद की कमी और विश्वास की खाई को उजागर करती है।
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