जमुई में इंजीनियर ने बिना अनुमति कटवाया पेड़: सरकारी आवास से आम
जमुई में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता के सरकारी आवास से एक हरा-भरा आम का पेड़ गायब हो गया। पेड़ की कटाई वन विभाग की अनुमति के बिना की गई, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। अधिकारी ने कटाई का कारण चींटियों का लगना और आवास का सौंदर्यीकरण बताया। हालांकि, एक गुमनाम प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पेड़ के टुकड़े एक निजी आरा मिल भेजे गए। यह घटना सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है।
पेड़ कटाई की विवादास्पद घटना
जमुई में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अखिल कुमार के सरकारी आवास से एक हरा-भरा आम का पेड़ अचानक गायब हो गया। यह घटना तब सामने आई जब स्थानीय लोगों ने पेड़ की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए। कार्यपालक अभियंता ने पेड़ कटाई का कारण चींटियों का लगना और आवास का सौंदर्यीकरण बताया। उन्होंने यह भी कहा कि कटे हुए पेड़ की लकड़ी विभागीय गोदाम में रखी जाएगी।
- पेड़ की कटाई वन विभाग की अनुमति के बिना की गई
- कार्यपालक अभियंता ने कटाई का कारण चींटियों का लगना बताया
- एक गुमनाम प्रत्यक्षदर्शी ने लकड़ी को निजी आरा मिल भेजे जाने की बात कही
प्रत्यक्षदर्शी का बयान
एक गुमनाम प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पेड़ की कटाई सुबह-सुबह की गई। उसने यह भी कहा कि आम के पेड़ के टुकड़े ठेले पर लादकर बाईपास रोड होते हुए एक निजी आरा मिल भेजे गए। जब एक व्यक्ति ने लकड़ी ले जा रहे ठेले को रोका, तो ठेला चालक बिना कुछ कहे वापस अभियंता के आवास लौट गया। कुछ देर बाद फिर से लकड़ी को ठेले पर लादकर ले जाया गया।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया और जांच की मांग
जमुई के DFO तेजस जैसवाल ने कहा कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि यह मामला स्थानीय थाना या संबंधित एसओ स्तर का है और वही इस पर कार्रवाई करेंगे। DFO ने यह भी स्पष्ट किया कि वन विभाग सीधी कार्रवाई केवल जंगल से लकड़ी काटने के मामलों में करता है।
इस घटना से सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
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