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सासाराम में हाथीपांव पीड़ितों को मिला दिव्यांगता प्रमाण पत्र और पेंशन

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सासाराम में हाथीपांव पीड़ितों को मिला दिव्यांगता प्रमाण पत्र और पेंशन

बिहार के सासाराम जिले में स्वास्थ्य विभाग ने हाथीपांव (फाइलेरिया) से पीड़ित 90 मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया है। इन मरीजों को अब 1100 रुपये प्रतिमाह की पेंशन मिलेगी। यह कदम सरकार द्वारा फाइलेरिया पीड़ितों को दिव्यांगता की श्रेणी में लाने के फैसले का हिस्सा है। इससे गंभीर रूप से प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता मिलेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होने की उम्मीद है। दिव्यांगता प्रमाण पत्र और पेंशन योजना का विवरण स्वास्थ्य विभाग ने हाथीपांव से पीड़ित 90 मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिया है। इन मरीजों को अब सरकारी योजना के तहत पेंशन का लाभ मिलेगा। पेंशन की राशि 1100 रुपये प्रतिमाह निर्धारित की गई है, जो सीधे पीड़ितों के बैंक खातों में भेजी

दिव्यांगता प्रमाण पत्र और पेंशन योजना का विवरण

स्वास्थ्य विभाग ने हाथीपांव से पीड़ित 90 मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिया है। इन मरीजों को अब सरकारी योजना के तहत पेंशन का लाभ मिलेगा। पेंशन की राशि 1100 रुपये प्रतिमाह निर्धारित की गई है, जो सीधे पीड़ितों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।

  • 90 हाथीपांव पीड़ितों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी
  • 1100 रुपये प्रतिमाह पेंशन का प्रावधान
  • राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजी जाएगी
  • 40% से अधिक दिव्यांगता वाले मरीजों को योजना का लाभ

फाइलेरिया पीड़ितों को दिव्यांगता का दर्जा

सरकार ने हाल ही में फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया है। इस फैसले के तहत, 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले मरीजों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। यह कदम फाइलेरिया पीड़ितों के लिए महत्वपूर्ण राहत लेकर आया है।

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योजना का प्रभाव और महत्व

यह पहल हाथीपांव पीड़ितों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नियमित पेंशन से इन लोगों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे अपने इलाज और दैनिक जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सकेंगे। साथ ही, इससे समाज में उनकी स्थिति में सुधार होने और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने में मदद मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग की यह पहल फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ रहे लोगों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती है।

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