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छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक न्यायालय को मिले नए अध्यक्ष

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छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक न्यायालय को मिले नए अध्यक्ष

छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक न्यायालय को लगभग एक साल बाद नए अध्यक्ष मिल गए हैं। सेवानिवृत्त प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार श्रीवास्तव ने इस पद का कार्यभार संभाल लिया है। यह नियुक्ति उच्च न्यायालय की अनुशंसा पर राज्य सरकार द्वारा की गई है। इससे पिछले एक साल से लंबित औद्योगिक विवादों के मामलों की सुनवाई का रास्ता खुल गया है। यह नियुक्ति राज्य के औद्योगिक विकास और श्रमिक-प्रबंधन संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है। नियुक्ति का महत्व और प्रभाव राजेश कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति से औद्योगिक न्यायालय में लंबित मामलों की सुनवाई शुरू हो सकेगी। पिछले एक साल से अध्यक्ष के पद के खाली होने के कारण सैकड़ों मामले अटके हुए थे। इस नियुक्ति से: लेबर कोर्ट के आदेशों के

नियुक्ति का महत्व और प्रभाव

राजेश कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति से औद्योगिक न्यायालय में लंबित मामलों की सुनवाई शुरू हो सकेगी। पिछले एक साल से अध्यक्ष के पद के खाली होने के कारण सैकड़ों मामले अटके हुए थे। इस नियुक्ति से:

  • लेबर कोर्ट के आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई होगी
  • श्रमिक-प्रबंधन विवादों का त्वरित निपटारा संभव होगा
  • औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा
  • न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी

नए अध्यक्ष का अनुभव और योग्यता

राजेश कुमार श्रीवास्तव 1994 से न्यायिक सेवा में हैं। उन्होंने प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में जांजगीर और दुर्ग जिलों में काम किया है। इसके अलावा वे राज्यपाल के विधिक सलाहकार भी रह चुके हैं। उनका यह विस्तृत अनुभव औद्योगिक विवादों के निपटारे में मददगार साबित होगा।

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नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव

इस नियुक्ति से पहले राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन किया था। इसके तहत अध्यक्ष की नियुक्ति में उच्च न्यायालय की अनुशंसा अनिवार्य कर दी गई। यह कदम दो याचिकाओं के बाद उठाया गया, जो नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए दायर की गई थीं। अब अध्यक्ष को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान वेतन और सुविधाएं मिलेंगी, जो इस पद के महत्व को दर्शाता है।

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