रामानुजगंज के नेपाली चाय विक्रेता की परिवार के लिए चिंता
रामानुजगंज में पिछले 5 वर्षों से चाय की दुकान चला रहे नेपाली मूल के विजय बहादुर थापा अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर परेशान रहे। नेपाल के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में तनाव के कारण संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई थी, जिससे विजय पिछले पांच दिनों से अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पा रहे थे। इंटरनेट सेवाएं बंद होने और लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाने से स्थिति और भी गंभीर हो गई थी। यह घटना प्रवासी श्रमिकों के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करती है।
विजय की परिवार से संपर्क की कोशिश
37 वर्षीय विजय बहादुर थापा की पत्नी, तीन बेटियां और दो बेटे नेपाल में रहते हैं। नेपाल में उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति के कारण, विजय अपने परिवार से संपर्क करने में असमर्थ थे। उन्होंने बताया कि वह नेपाल जाना चाहते थे, लेकिन सीमा सील होने के कारण वहां पहुंचना संभव नहीं था।
- पांच दिनों तक परिवार से कोई संपर्क नहीं
- इंटरनेट सेवाएं बंद होने से स्थिति और बिगड़ी
- सीमा सील होने के कारण नेपाल जाना असंभव
राहत की खबर
पांच दिन बाद जब स्थिति कुछ सामान्य हुई, तब विजय अपनी पत्नी से बात कर पाए। यह उनके लिए बड़ी राहत की खबर थी। विजय रामानुजगंज में एक छोटी चाय की दुकान चलाते हैं और हर एक-दो महीने में अपने परिवार को नेपाल पैसे भेजते हैं।
प्रवासी श्रमिकों की चुनौतियां
विजय की कहानी प्रवासी श्रमिकों के सामने आने वाली चुनौतियों को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि यहां उनकी आजीविका अच्छी चल रही है, लेकिन नेपाल में तनाव की स्थिति उन्हें बेचैन कर देती है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तनाव और संचार व्यवस्था में बाधा प्रवासी श्रमिकों के जीवन को प्रभावित कर सकती है। इस तरह की परिस्थितियों में, प्रवासी श्रमिकों के लिए अपने परिवार से संपर्क बनाए रखना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बन जाता है।
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