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छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी पर हाईकोर्ट में सुनवाई

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छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी पर हाईकोर्ट में सुनवाई

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जिला पुलिस बल आरक्षक संवर्ग चयन परीक्षा 2023-24 की भर्ती प्रक्रिया में कथित गड़बड़ी के मामले की सुनवाई हुई। 8 याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में जनहित याचिका दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश विभू दत्त गुरु की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि भर्ती प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी हुई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणियां की और कुछ याचिकाकर्ताओं को अगली परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी।

भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप

याचिकाकर्ताओं के वकील बीपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि भर्ती प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी की गई है। उन्होंने कहा कि जिन उम्मीदवारों पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे और जांच की गई थी, उन्हें फिर से प्रक्रिया में शामिल किया गया है। वकील ने यह भी बताया कि इस प्रक्रिया में एक कंपनी शामिल थी जो अभी भी काम कर रही है।

  • राजनांदगांव में सबसे पहले गड़बड़ी सामने आई थी
  • 9 जिलों में गड़बड़ी की जांच की गई
  • 5 जगह पर योग्य उम्मीदवार मिले
  • 4 जगहों पर दोबारा जांच की गई

सरकार का पक्ष

महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने सरकार का पक्ष रखते हुए बताया कि भर्ती प्रक्रिया के शुरुआत में राजनांदगांव में गड़बड़ी सामने आई थी। इसके बाद प्रक्रिया रद्द कर दी गई और स्वतः संज्ञान लेकर जांच कराई गई। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारियों पर विभागीय जांच भी कराई गई है।

हाईकोर्ट का निर्णय

सुनवाई के दौरान पता चला कि 8 याचिकाकर्ताओं में से 4 उम्मीदवार 14 सितंबर 2025 को फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए परीक्षा देंगे। इस पर कोर्ट ने कहा कि इन चार उम्मीदवारों को शारीरिक प्रशिक्षण में शामिल होना है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अन्य याचिकाकर्ता जिनके अधिकारों का उल्लंघन हुआ है, वे उचित मंच पर उम्मीदवारों की अंतिम नियुक्ति को चुनौती दे सकते हैं। न्यायालय ने कुछ याचिकाकर्ताओं की याचिका वापस लिए जाने के कारण खारिज कर दी।

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