अमेरिकी कट्टरपंथी नेता चार्ली कर्क की हत्या, भारतीय प्रवासियों पर विवादित टिप्पणी फिर चर्चा में
यूटा विश्वविद्यालय में छात्रों से बातचीत के दौरान हुई गोलीबारी
अमेरिका के प्रसिद्ध दक्षिणपंथी कार्यकर्ता और राजनेता चार्ली कर्क की 10 सितंबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई। 31 वर्षीय कर्क यूटा वैली विश्वविद्यालय में छात्रों से बातचीत कर रहे थे, जब एक बंदूकधारी ने उन पर गोलियां चलाईं। इस घटना ने पूरे अमेरिका में सनसनी फैला दी है और राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।
कर्क की मृत्यु की पुष्टि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने की। उन्होंने कर्क को “सत्य का शहीद” बताते हुए कहा कि उनका प्रशासन हमलावरों को पकड़ने तक नहीं रुकेगा। हालांकि, जहां एक ओर राजनेताओं और हॉलीवुड सेलेब्स की ओर से श्रद्धांजलि दी जा रही है, वहीं दूसरी ओर कर्क की भारतीय प्रवासियों पर की गई विवादास्पद टिप्पणी फिर से चर्चा में आ गई है।
भारतीय प्रवासियों पर विवादित बयान
अपनी मृत्यु से महज एक सप्ताह पहले, 2 सितंबर को कर्क ने सोशल मीडिया पर भारतीय प्रवासियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने लिखा था:
- “अमेरिका को भारत से और वीजा की जरूरत नहीं है”
- “भारतीयों ने अमेरिकी श्रमिकों को सबसे ज्यादा विस्थापित किया है”
- “हमें अब अपने लोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए”
यह टिप्पणी फॉक्स न्यूज की एंकर लॉरा इंग्राहम के उस बयान के जवाब में थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के साथ व्यापार समझौते के लिए वाशिंगटन को और भारतीयों को वीजा देना होगा।
चार्ली कर्क के बारे में
चार्ली कर्क एक रूढ़िवादी नेता, लेखक और राष्ट्रपति ट्रम्प के करीबी सहयोगी थे। वे टर्निंग पॉइंट यूएसए के सह-संस्थापक थे और फॉक्स न्यूज पर अक्सर दिखाई देते थे। उनका पॉडकास्ट “द चार्ली कर्क शो” एप्पल पर सबसे ज्यादा स्ट्रीम किए जाने वाले शीर्ष 10 पॉडकास्ट में से एक था। वे अपने पीछे 14 मिलियन डॉलर की संपत्ति, अपनी पत्नी एरिका फ्रांट्ज़वे और दो बच्चों को छोड़ गए हैं।
चार्ली कर्क के हत्यारे की तलाश जारी है। एफबीआई ने पुष्टि की है कि एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया था, लेकिन पूछताछ के बाद उसे रि
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